भगवान का वास

भगवान का वास एक किरण आई छाई एक किरण आई छाई, दुनिया में ज्योति निराली रंगी सुनहरे रंग में सुबह पत्ती-पत्ती डाली डाली . एक किरण आई लाई, पूरब में सुखद सवेरा हुई दिशाएं लाल लाल हो गया धरा का घेरा . एक किरण आई हंस-हंसकर फूल लगे मुस्काने बही सुंगंधित पवन गा रहे भौरें…

भगवान का वास

तू खोज रहा वन – कुंजन में , भगवान् बसा तेरे मन में . तू जाता है काबा – काशी , वह तो है घट – घट का वासी . पूजा तू जाता है मथुरा – प्रयाग , और ढूँढता है वृन्दावन में . मंदिर – मस्जिद क्या गुरुद्वारा , क्या गिरजाघर या नाथद्वारा ….